हिचकी क्यूँ आती है | हिचकी के कारण और हिचकी को रोका कैसे जाये ?
हमे हिचकी कैसे आती है।
हिचकी आने के पिछे वैज्ञानिक कारण -
हिचकी आने का कारण होता है हमारे सांस नलिका मे मौजूद डायाफ्राम की वजह से। डायाफ्राम एक पर्दे के आकार जैसे होता है, इसकी मदत से हम अपनी साँसो को अंदर बाहर कर सकते है। आपको बता दूँ की हम अगर सांस अंदर की और लेते है तब हमारे अंदर का डायाफ्राम नीचे की और जाकर हवा को अंदर की और लाने मे मदत करता है। जैसे ही अंदर का दबाव बढ़ता है , डायाफ्राम फिर से ऊपर की और आता है और अंदर की हवा अपने आप बाहर की और ढकेली जाती है। ऐसे ही हमेशा चलते रहता है। इसी के चलते कभी कभी ये डायाफ्राम सिकुड़ जाता है इससे हम उचित तौर पर ऑक्सीजन नहीं ले पाते। इसकी वजह से हमे हिचकी आने लगती है। और जो आवाज़ हिचकी आने पर आती हे वो आवाज़ ग्लोटिस नामक एक अवयव से आती है जो हमारे गले मे वोकल कॉर्ड्स के बीच की ओपनिंग मे होता है।
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डायाफ्राम |
हिचकी आने के कारण
- बोहोत ज्यादा भोजन का सेवन करना हिचकी को जन्म देता है।
- जल्दी जल्दी मे भोजन करना, जल्दी भोजन करना यह सबसे खतरनाक बात है।
- ऐसी बीमारी का होना जो शरीर के नासो को और डायाफ्राम को नुकसान देते है।
- विशारी धुए से भी हिचकी आ सकती है।
- तापमान मे अचनाक बदलाव होना हिचकी को जन्म देती है।
हिचकी आने से क्या होता है?
अगर आपकी हिचकी 48 घंटो से ज्यादा देर तक रुके तो यह एक आम हिचकी नहीं होती, ऐसे वक़्त मे आपको किसी डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। हिचकी एक आम बात तो हे पर इससे जुड़े बीमारी भी है, जो बोहोत ही कम लोगो को होते है।
हिचकी आना एक बोहोत ही आम बात है, अगर हिचकी बार बार आती है तो यह एक गंभीर समस्या का रूप भी ले सकती है। मौजे भी इसके बारे मे कोई कल्पना नहीं थी की हिचकी की भी कोई बीमारी हो सकती है। पर जैसे ही मैंने हिचकी नामक इस फिल्म को देखा तब मुझे पता चला की हिचकी से भी गंभीर तकलीफ़ हो सकती है। अगर आपने "हिचकी" इस फिल्म को नहीं देखा होगा तो मे आपको बता दूँ की उस फिल्म मे रानी मुखर्जी ने जो रोल निभाया है, उस किरदार को टॉरेट सिंड्रोम नामक एक बीमारी होती है। उस बीमारी मे ना बुख़ारी, ना ख़ासी, थी बल्कि वे ऐसी बीमारी थी जिसमे इंसान को बार बार हिचकी आने की समस्या होती थी। और यह ऐसी बीमारी हे जिसपे किसी भी मरीज का नियंत्रण नहीं होता। यह एक ऐसी बीमारी थी जो दुनिया मे बोहोत ही कम लोगो को होती है।
मैंने जब यह फिल्म देखि थी तब मे भी चौक गया था की कोई हिचकी की भी बीमारी हो सकती है, पर यह सच हे की इस बीमारी से लोग अनजाने मे हिचकी जैसे आवाज़े निकालने लगते है, और इन आवाज़ों पर उनका कोई भी नियंत्रण नहीं रहता।
पर आपको चिंता करने की कोई बात नहीं आप अगर आपको हिचकी आए , तो ये आपके हाथ मे इसका पूरा नियंत्रण हे की आप इसे रोक सकते हो। तो आगे जानते है की आखिर हिचकी को कैसे रोका जाये।
हिचकी आने पर कैसे रोका जाये?
अगर आपको हिचकी आ जाये तो फिकर करने की कोई बात नहीं , अगर आप नीचे दिये हुये उपायों का पालन करेंगे तो आपकी हिचकी मिनटों मे दूर हो जाएंगी।
- जल्दी से ठंडा पानी पी ले - अगर आपको हिचकी आए तो इसे रामबाण कहेंगे की जल्दी से ठंडा पानी पिये। हिचकी आने पर यह उपाय आपने जरूर सुना होगा। इससे आपका डायाफ्राम जल्दी खुल जाएगा और आपकी सांस लेने की प्रक्रिया फिर से सुदूर तरीके से चालू हो जाएगी।
- लिम्बू का सेवन करे - जब आपको हिचकी आए तब जल्दी से लिम्बू को चाटना शुरू कर दे इससे आपकी हिचकी जल्दी बंद हो जाएगी।
- अपनि जीब को खिचे - सुनने मे थोड़ा अटपटा जरूर लगेगा पर यह सच हे की हिचकी आने पर अगर आप अपने जीब को खिचना चालू करोगे तो आपकी हिचकी जरूर रुक जाएगी।
- अपनी साँसो को रोके रखना - थोड़ी देर साँसे रोकने से भी हिचकी दूर होती है।
- पानी के गुल्ले करना - पानी से 3 - 4 बार गुले कारने से हिचकी से गले की तकलीफ भी दूर होती है, बेहतर होगा की आप पानी मे नमक डाल कर गुल्ला करे।
- शहद होगा लाभदायी - हिचकी आने पर शहद चाटने से मिलेगी राहत।
आशा करता हूँ की आपको हिचकी कैसे आती है इस सवाल का जवाब मिल चुका होगा। और साथ ही हिचकी को दूर करने के उपायों के बारे मे भी आपको जानकारी मिल गयी होगी। अगर आपको हिचकी क्यूँ आती है | इसके कारण और हिचकी को रोका कैसे जाये ? इस पोस्ट के बारे मे कोई सवाल हो तो नीचे कमेंट मे जरूर बताए।
जय हिन्द !!