संघर्ष की कहानी - नास डेलि की (Nas Daily) - Motivational स्टोरी इन हिन्दी

नास डेलि की संघर्षमई कहानी (Nas Daily) Motivational स्टोरी इन हिन्दी 

 

Nas - Daily आपने यह नाम facebook पे या Youtube पे जरूर सुना होगा। फेसबूक पर अब 17 millions लोग इन्हे फॉलो करते है, शायद अब बढ़ भी चुके होंगे। इतने चाहटों को पाने के पीछे काफी सारा संघर्ष भरा हुआ है। आपको बता दूँ की Nas Daily किसी इंसान का नाम नहीं है, बल्कि यह एक आदमी की पहचान है। जिनका नाम नुसेर यासीन है, जिंका जन्म अरब देश मे हुआ है। इनका ग्रेजुएशन Harvard University मे हुआ है। इन्होने ने ही Nas - Daily नाम का एक facebook - page बनाया है।

 

'Nas' का मतलब होता है लोग जो की एक अरब शब्द है। इस पेज पर नुसेर ने वह चमत्कार कर दिखाया जो चमत्कार आज तक किसी ने नहीं किया था, वे इस पेज पर वीडियो डालते है, जिसमे कोई ना कोई सीख जरूर होती है।  संघर्ष की कहानी नास डेली की (Nas Daily) - Motivational स्टोरी इन हिन्दी इस पोस्ट मे हम इस आदमी की संघर्षमयी कहानी को देखेंगे जिस संघर्ष की मदत से नास डेली इस पेज को इतना प्यार मिल रहा है। और आज भी (2020 चालू) नस डेलि यह पेज नियमित तौर से वीडियो डालते है। क्या है इसके पीछे की संघर्ष की कहने आइए जानते है। 

 

नुसेर यासीन , शायद ही उनका नाम कोई जनता होगा, पर आज सब इनको Nas - Daily के नाम से जानते है। उनका जन्म अरब देश नमे हुआ है, और 2014 मे उन्होने हार्वर्ड - उनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। और उसके बाद ही 2014 मे ही यासीन ने वेनमो कंपनी मे एक सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में काम किया, वहा से ही यूनमे कुछ करने की उम्मीद जगी। और यह उनकी पहली उम्मीद थी जिसमे वे बुरी तरह से असफल हुये। 

 

    नुसेर की पहिली असफलता

    हम मे से हर किसी के मन मे उम्मीद आती है पर उसे पूरा करने के लिए हम कभी उसपर कार्य नहीं करते और हम उस उम्मीद को कभी पूरा नहीं कर पाते। पर नुसेर उन मे से नहीं थे जो अपने सपने को अपने अंदर ही दबा के रखे, उनके मन मे एक दिन खयाल आया की उन्हे कुछ करना है जिससे इस दुनिया पर कुछ प्रभाव आए, और उनका नाम रोशन हो। जैसे ही उनके मन मे ये खयाल आया, उन्होने उस खयाल को हकीक़त मे बदल ने के लिए नुसेर ने एक Website बनाई जिससे लोग उससे जुडे रहे और उनकी बातो को और उनके समाचार को पढ़ सके, उस वेबसाइट का नाम था Basboosa इस वेबसाइट पर नुसेर हर दिन रोज़ के समाचार डालते गए, शुरुवात से ही नुसेर हर दिन अपने Basboosa इस वेबसाइट पर हर दिन कुछ ना कुछ समाचार डालते गए। हर दिन वे एक अच्छे पत्रकार जैसे अपने लैपटॉप पर बैठ कर हर दिन काम करते थे। 

     

    हर दिन नुसेर उठते थे और अपनी वेबसाइट पर ताजा खबरे डालते थे, यह सिलसिला लगातार सौ (100) दिनो तक चला। शुरू से लेकर सौ दिनो तक नुसेर हर रोज़ अपने Basboosa इस वेबसाइट पर हर दिन न्यूज़ डालते गए। यह सोचकर की लोग उनकी न्यूज़ पढ़ेंगे और इससे उनकी वेबसाइट प्रचलित होगी। पर आखिर मे ऐसा कुछ नहीं हुआ उनकी वेबसाइट उनके लिए बोहोत बड़ा फ़ेल्युर थी। उनके हाथ कुछ लग नहीं पाया, उन सौ साल की मेहनत से उन्हे कुछ भी फायदा नहीं मिला। आखिर मे नुसेर ने इस आइडिया को बंद कर दिया, पर हार नहीं मानी। वो अगले साल फिर से कुछ नए प्लान के साथ आया, और उसने सोचा की अब तो मौजे सफलता मिलेगी। क्या हुआ आगे, आगे पढ़िये।

     

    नुसेर की दूसरी बड़ी असफलता 

    Basboosa के नाकाम कोशिश के बाद भी नुसेर ने हार नहीं मानी और वो फिर से अगले साल कुछ नया प्लान के साथ आया। नुसेर जो मेहनत की थी जो उसे असफलता के पास ले आयी उसके साथ ही नुसेर ने एक मोबाइल एप्लिकेशन बनाया जिसमे उसने सारी न्यूज़ को एक जगह दाल दिया। इस मोबाइल app की ख़ासियत थी की इस app की मदत से कोई भी इंसान किसी भी न्यूज़ को एक मिनट मे पढ़ सकता है। इस app की मदत से आपके पास जब भी टाइम हो आप अपना वक़्त बचाकर एक मिनट मे सारी न्यूज़ पढ़ सकते हो।  

    इस Mobile - App का नाम था Downtime , जो की दिखाता है की आप अपना समय कितना बचा रहे हो, हर कोई इस app से जब चाहे , जहा चाहे , किसी भी न्यूज़ को कम समय मे पढ़ सकता है। इससे उसका वक़्त भी बच जाएगा और उसको किसी भी वक़्त पर न्यूज़ पढ़ने को मिलेगी। यह आइडिया नुसेर को बोहोत ही जबर्दस्त लगा था, और इस आइडिया को लेकर वह बड़ा ही विश्वासपूर्ण था की अब वक़्त आ गया है जीतने का। 

    निसेर ने इस app से काफी उम्मीदें लगाई थी क्योंकि इस app को बनाने के पीछे भी नुसेर ने काफी ज्यादा मेहनत ली थी, उस app को बनाने के लिए उसने खुद उस app को डिज़ाइन किया, उसको चलाने के लिए coding भी की, उसके बाद उस app को build किया इतना कुछ करने के बावजूद नुसेर के हाथों मे निराशा ही लगी। किसी ने भी उस Downtime app को download नहीं किया, इस बड़ी सी निराशा से हर कोई जरूर टूट जाएगा, पर निसेर तब भी नहीं रुका। 

     

    नुसेर की तीसरी बड़ी असफलता

    शुरुवात के दो बड़ी असफलता के बाद भी निसेर नहीं रुका। क्योंकि इस आदमी ने ठान ली थी की चाहे कुछ भी हो जाये हार नहीं मानना। उन्न सारे असफलतायो को पीछे छोड़ निसेर अपने तीसरे आइडिया पर आ पाहुचा, जिसका नाम था Oyster जो की काफी बेहतरीन आइडिया था। इस आइडिया को लेकर निसेर काफी ज्यादा confident था की यह आइडिया जरूर काम करेगा। जब निसेर ने नोटिस किया की हर किसी को यात्रा कराते वक्त काफी ज्यादा कपड़ों की जरूरत नहीं पड़ती, तो क्यू न उन्हे किराए पर लिया जाये। देखा जाये तो इस आइडिया मे ऐसे लोगो को कपड़े किराए पर देने थे जो यात्रा कर रहे है, जिससे उनका समान हल्का हो सके और वह आरामदाई यात्रा कर सके।  

    इस Oyster आइडिया के लिए निसेर ने बताया की जब आप यात्रा करे तब हमे आप बता दे की आप कहा पर यात्रा करने वाले हो, वहा पर निसेर की कंपनी उन्हे एक जैसी शर्ट्स पाहुचा सके जो शर्ट्स किराए की होगी। पर इस आइडिया मे भी निसेर को बोहोत बड़ी असफलता मिली। क्योंकि कोई भी घूमते वक़्त एक जैसे शर्ट नही पहनना चाहता।  

    इन सारे असफलता को देख कर निसेर धीरे धीरे अपना आत्मविश्वास खोता जा रहा था। हर दिन उसे काटने पर उठा था, उसे असफलता के अलावा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। हर तरह से प्रयास करने के बावजूद निसेर के हाथों निराशा ही लगी थी। 6 साल तक निसेर अपना एक बड़ा आइडिया बना नहीं पाया था।

     

    निसेर को मिली सफलता!

    पर एक दिन ऐसा आया जिसकी वजह से उसका जीवन हमेशा के लिए बदल गया। उसने जब पीछे मूड कर देखा तब उसने पाया की उसकी हर असफलता उसको कुछ नयी चिजे सीखा रही थी। जैसे Basboosa इस वेबसाइट की वजह से उसमे इतनी ताकत आ गयी थी की वो हर दिन लगातार काम कर सकता है। बिना थके, बिना रुके वो हर दिन काम कर सकता है। अब वह हर दिन लगातार सौर दिनो तक एक ही काम कर सकता है। 

    Downtime इस mobile application की मदत से उसने सीखा की वो अब हर किसी को एक मिनट मे किसी भी घटना को समझा सकता है, और इसी एक मिनट मे वो हर किसी को कोई भी कहानी बता सकता है। उस एक मिनट की वजह से अब वो किसी भी बाद को एक मिनट के अंदर पूरी explain कर सकता है। 

    Oyster इस असफलता की मदत से उसने सीखा की कैसे कम सामान से भी बडे से बड़ी यात्रा कर सकते है, हर कोई एक ही शर्ट पहनकर घूमने जा सकता है। 

    और इन्ही सारे असफलता से निसेर ने शुरू की NAS - DAILY जिसके Facebook पर आज 17 Million followers है। और हर कोई इस निसेर को अब नास डेली इस नाम के नाम से जानते है। जो आज करोड़ो की कंपनी बन चुकी है।  NAS - DAILY इस facebook पेज पर निसेर ने 1000 दिनो तक रोज़ एक वीडियो को डालने की ठानी थी , जो की सिर्फ एक मिनट की होती थी। और उसने ये पूरा भी किया, उन्होने लगातार 1000 दिनो तक हर रोज़ facebook पर अपनी यात्रा की वीडियो डाली जिसकी आखिरी की टैग लाइन ओटी थी "That’s one minute- see you tomorrow!" इसका मतलब है "आज के लिए इतना ही, कल मिलते है!" और आज Nas Daily यूट्यूब पर भी वीडियो डालते है। जो हर दिन नहीं बल्कि हर हफ्ते होते है। 

     

    निसेर से क्या सीख मिलती है?

    यह कहानी कही ना कही हमे दिखती है, की कैसे हमे जिंदगी के मोड़ पर कई सारे असफलताए मिलती है। और हमे उन असफलता से दूर नहीं भागना चाहिए, बल्कि उनसे कुछ सीखना चाहिए , क्योंकि हर असाफलता कोई न कोई सीख जरूर दे जाती  है। और हमे असली सीख असफलता से ही मिलती है। तो आशा करता हूँ की आपको यह निसेर की संघर्ष की कहानी जरूर पसंद आयी होगी। इस कहानी को share करो और असफलता से टूटे हुये लोगो को सहायता करो। संघर्ष की कहानी नास डेलि की (Nas Daily) - Motivational स्टोरी इन हिन्दी यह पोस्ट कैसी लगी हमे कमेंट मे जरूर बताए। 

     

    जय हिन्द!!

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