कोण है इन्टरनेट का मालिक? और इन्टरनेट कैसे काम करता है?
क्या आप जानते है की पूरी दुनिया में 4.66 billion लोग internet का इस्तेमाल करते है. जो करीब दुनिया के population के ६०% के बराबर है. ये आकंडे बोहोत बड़े है, बल्कि बोहोत ही बड़े है. तो क्या आपके मन में कभी सवाल आया है की इतने बड़े internet जिसे दुनिया के हर कोने से लोग इस्तेमाल करते है, यह internet कहा से आता है, कहा बनता है, internet का मालिक कोण है? क्या ऐसा कोई इंसान, या संस्था, या कोई देश है जो internet को चला रहा है, जानेंगे “इन्टरनेट कैसे काम करता है Internet इन्टरनेट का मालिक कोण है” इस ब्लॉग में.
जब मुजे internet के बारे में पता चला तब मेरे मन में एक ही सवाल था की आखिर internet काम कैसे करता है , और internet का मालिक कोण है. कोई तो होगा जो सारे internet को control करता होगा. Internet का मालिक कोण है यह सवाल आना बोहोत आम बात है क्योंकि हम वो internet फ्री में use नहीं करते, इसके लिए हम पैसे देकर internet package खरीदते है. जैसे की हम किसी दूकान में पैसे देकर सामान खरीदते है, या पैसे देखर Netflix का subscription लेते है, दोनों जगहों पर अपना पैसा हम देते है , और दूसरी तरफ वेह पैसा जहा से सामान या subscription खरीदा है उसके मालिक को जाता है. तो आखिर हम जिस internet package का पैसा देते है, वो पैसा किसे मिलता है? कोण है internet का मालिक (who is owner of Internet).
में अकेला ही नहीं बल्कि कई सारे ऐसे लोग होगे जो इस सवाल का जवाब पाना चाहते होंगे, तो इस पोस्ट में जानेंगे की इन्टरनेट कैसे काम करता है Internet इन्टरनेट का मालिक कोण है. येही नहीं बल्कि हम internet से जुडी हर उस बात को जानेंगे की कैसे internet काम करता है, internet को कौन supply करता है और आखिर internet कहा से आता है. इस पोस्ट में आपके हर सवाल के जवाब मिलने वाले है. तो जानते है की internet कैसे काम करता है और internet का मालिक कोण है.
Internet का मालिक कोण है
सच कहे तो internet का मालिक कोई भी नहीं ! जी हाँ internet पर किसी भी एक व्यक्ति या किसी कंपनी का हक नहीं. Internet एक ऐसा नेटवर्क है जो हम सब के नेटवर्क से चलता है, मतलब यूँ कहे की internet किसी का भी नहीं. हम सभी internet के मालिक है जो भी internet चला रहा है वह व्यक्ति internet का मालिक है, क्योंकि हम सब आपस में जुड़कर internet को चलते है और आपस में inforamtion share `करते रहते है.
जैसा की आपने देखा की internet किसी एक कंपनी के वजह से नहीं चलता , बल्कि इसे चलाने के लिए बोहोत सारी कंपनिया आपस में जुडी हुई रहती है. तो आखिर internet कैसे चलता है ? और यह internet हमारे पास कैसे पहुचता है? Internet का असली मालिक कोण?
क्या Telecommunication कंपनीया Internet की मालिक है?
कई लोगो को सिम कार्ड कंपनिया internet के मालिक लगते होगे, क्योंकि जब भी हम internet package लेते है तब सिम कार्ड कंपनी को इसके लिए महीने के पैसे देते है. पर ऐसा नहीं है आप खुद सोचकर देखिये की यह सिम कार्ड कंपनिया internet नहीं बनाती, बल्कि यह कंपनिया भी किसी से internet खरेदती है. और वैसे बी हम इन्हें internet का मालिक कैसे कह सकते है क्योंकि जब एक सिम कार्ड कंपनी बंद हो जाती है तब दूसरी सिम कार्ड कंपनी चालु रहती है. इसीलिए हम सिम कार्ड कंपनियों को internet का मालिक नहीं कह सकते.
क्या Government Internet का मालिक है ?
इसका भी जवाब ना में ही है, internet पर किसी देश के गवर्नमेंट का भी हक़ नहीं होता. पर कई मामलों में गवर्नमेंट internet के मामले में हस्तक्षेप कर सकती है, पर उसकी भी एक लिमिट है उसके आगे गवर्नमेंट का internet पर कोई भी अधिकार नहीं.
क्या Google, internet का मालिक है?
अगर आप internet इस्तेमाल करते हो तो आप गूगल के बारे में तो जानते ही होगे की गूगल कितनी बड़ी कंपनी है जो पूरी देश में नंबर १ वेबसाइट है, गूगल के पास पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा active users है, जो use दुनियाकी नंबर 1 वेबसाइट बनाती है. गूगल कोई और नहीं बल्कि एक वेबसाइट है जो लोगो को उनके जरुरत के अनुसार internet की मदत से service provide करती है. इस बात से समाज आता है की गूगल एक वेबसाइट है, गूगल यह internet का मालिक नहीं हो सकता.
गूगल जैसे ही फेसबुक, YouTube, जैसे बड़ी कंपनिया भी internet का मालिक नहीं है, बल्कि यह भी एक वेबसाइट है जो लोगो को service provide करते है. इनकी internet पर खुदकी वेबसाइट होने के कारन यह भी internet का एक हिस्सा है. अप भी चाहे तो इस internet का हिस्सा बन सकते है. इसके लिए आपको भी खुदकी वेबसाइट बनानी होगी.
Internet का हिस्सा कैसे बने
जब हम किसी ट्रेन में travel करते है तब हम उसके लिए एक टिकेट खरीदते है, वो टिकेट खरीदते ही आप उस ट्रेन के सीट के हक्कदार हो जाते हो. मतलब आप उस ट्रेन का हिस्सा हो चुके होते हो, वैसे ही internet का हिस्सा बनने के लिए आपको उसपर खुदकी वेबसाइट बनानी होगी. जैसे ही आप internet पर वेबसाइट बनाते हो आप internet का एक हिस्सा बन जाते हो.
वैसे तो आप सोशल मीडिया apps से भी internet का हिस्सा बने रहते हो पर उसके ऊपर आपका ज्यादा control नहीं रहता. पर जैसे ही आप अपनी खुद की website बनाते हो तब उसके उपर आपका पूरा हक्क होता है. आप अपनी मर्जि से उस वेबसाइट पर अपनी service दे सकते हो.
आप अक्सर विभिन प्रकार के websites देखते होगे जैसे गूगल, YouTube, फेसबुक यह websites विभिन प्रकार की services देती है जैसे गूगल हमें लेखी रूप में हमारी मदत करता है, YouTube हमें विडियो के माध्यम से हमें service देता है, वैसे ही जब आप किसी website को बनाते हो तब आप भी लोगो को service दे कर internet का हिस्सा बन सकते हो.
Website
कैसे बनाये?
जैसा की मैंने बताया की internet का हिस्सा बनने के लिए आपको खुदकी वेबसाइट बनानी होगी, जिसकी मदत से आप internet को कुछ हद्द तक control कर सकते हो. पर आखिर यह वेबसाइट बनाये कैसे, वेबसाइट बनाने का क्या तरीका है?
आज के वक्त ५ मिनट में भी वेबसाइट बनाकर टायर हो सकती है, जी हाँ सिर्फ ५ मिनट में वेबसाइट बनकर चालू हो सकती है. आज के वक्त ऐसे बोहोत सी services है जो हमें अपनी वेबसाइट बनाके देते है. और ऐसे बोहोत से ऐसी भी services है जो हमें फ्री में बनाने में मदत कराती है, जैसे की blogger.com यह एक गूगल की service है जो हमें खुद की वेबसाइट बनाने में मदत करती है.
वेबसाइट बनाने के लिए आपको बस दो मुख्य चीजे लगेगी,
- Domain और
- Hosting
Domain क्या है ? Domain कैसे ख़रीदे?
वेबसाइट का डोमेन मतलब उसका नाम होता है जो उसकी पहचान होती है, जैसे गूगल का Google.com यह गूगल का डोमेन है जो उस वेबसाइट का नाम है. सभी websites का यह डोमेन नेम अलग अलग होता है, एक ही डोमेन नेम के वेबसाइट नहीं होते, सभी वेबसाइट का नाम सबसे यूनिक होता है.
जब कोई डोमेन नेम खरीदता है, तब वह सेम डोमेन नेम कोई और नहीं खरीद सकता. अब आपके मन में यह सवाल आया होगा की यह डोमेन नेम कहा से ख़रीदे? डोमेन नेम को बेचने के लिए काफी सारी वेबसाइट है जैसे GoDaddy, BlueHost,
Domain.Com, SiteGround, ऐसे कुछ websites है जो हमें डोमेन नेम देते है, इसके लिए इन्हें सालाना पैसे देने होते है. यह प्रोसेस बड़ी असं है. जैसे आप मॉल में किसी सामन को खरीदते हो वैसे ही डोमेन नेम ख़रीदा जा सकता है.
डोमेन नेम खरीदने से पहले आपको यह check करना होगा की क्या यह डोमेन उपलब्ध है भी या नहीं. अगर वो डोमेन उपलब्ध होगा तभी आप वो डोमेन खरीद सकते है. डोमेन खरीदने के बाद आपको सालाना तौर पर कुछ पैसे देने होगे उसके बाद आप उस वेबसाइट के मालिक बने रहोगे.
सिर्फ वेबसाइट बनाने से काम नहीं होता , वेबसाइट को चलाये रखने के लिए आपको होस्टिंग खरीदनी होगी. बिना होस्टिंग के आप अपने वेबसाइट को नहीं चला पायेंगे. पर होस्टिंग कैसे ख़रीदे?
Web
Hosting होस्टिंग क्या है? होस्टिंग कैसे ख़रीदे?
आसान भाषा में कहे तो Web Hosting मतलब ऐसी एक service है जहा हम अपनी वेबसाइट के data को स्टोर करके रख सकते है, जैसे हमारा गहर हमारे रहने की जगह होती है वैसे ही web - Hosting हमारे वेबसाइट का data स्टोर करने के होती है. वैसे ही जैसे हमारे घर का पता होता है , वैसे ही वेबसाइट का डोमेन होता अहि उसका पता, और वेबसाइट का घर मतलब web होस्टिंग होती है.
Web
hosting खरीदने के लिए भी कुछ ऐसी वेबसीतेस होती है जो हमें web होस्टिंग provide करते है. जैसे हम डोमेन नेम खरीदते है वैसे ही हम होस्टिंग भी खरीद सकते है. होस्टिंग देने वाली कंपनिया अपनी वेबसाइट के data को अपने सर्वर पर रखते है, जहा से दुनिया के किसी भी जगह, और किसी भी वक़्त आपकी वेबसाइट को एक्सेस किया जा सकता है, यही सब होस्टिंग और डोमेन नेम का काम होता है. जिसकी मदत से हम अपनी वेबसाइट internet पर चलाकर internet का हिस्सा बन सकते है.
तो अब सवाल है की क्या जो कंपनी जिसके पास सारे डोमेन नेम का data है वो internet की मालिक है, पर ऐसी कोनसी कंपनी है जो साड़ी डोमेन नेम को कंट्रोल कराती है. इसका जवाब है ICANN कंपनी.
तो क्या ICANN इन्टरनेट का भगवान है ?
क्या है ICANN, ICANN organisation क्या काम करती है ?
ICANN
क्या है? क्या ICANN internet का मालिक है?
- ICANN का फुल फॉर्म क्या है ?
Internet Corporation
for Assigned Names and Numbers यह ICANN का फुल फॉर्म है.
- ICANN organisation कहा पर है?
ICANN यह कंपनी Los
Angeles, California, United States में स्थित है, जिसमे कम से कम ३५० एम्प्लोयी काम करते है.
यह एक नॉन प्रॉफिट कंपनी है जो सारे डोमेन नेम को मैनेज करने का काम करते है. यह कंपनी सुनिछित करती है की सारे डोमेन नेम को मैनेज करे और सबको एक unique डोमेन नेम मिले. यह कंपनी Los Angeles में स्थायित है वही से ही वे दुनिया भर के सारे वेबसाइट के डोमेन नेम को और भी कई चीजो को मैनेज करते है. इसके साथ ही यह ICANN organisation IP एड्रेस का एक बड़ा भण्डार है और यही सारे IP adresses को ट्रैक करता है. और यही IP एड्रेस भी प्रदान करता है.
आसान भाषा में कहे तो ICANN organization सभी डोमेन नेम्स को कण्ट्रोल करता है और सभी IP addresses को प्रदान करता है, यानी देता है. ICANN में करीब 180 मिलियन से ज्यादा डोमेन नेम है और करीब 4 बिलियन से ज्यादा IP address है, जो करीब २४० देशो का नेटवर्क है. तो अब सवाल है की IP एड्रेस क्या है.
IP एड्रेस के बारे में जानकारी -
- IP एड्रेस का फुल फॉर्म क्या है?
Internet Protocol - इन्टरनेट प्रोटोकॉल यह IP एड्रेस का फुल फॉर्म है.
IP एड्रेस क्या होता है?
जैसे हम सभी लोग एक दुसरे से एकदम अलग होते है, जैसे अगर कोई दो जुड़वा भी होगे फिर भी उन दोनों के fingerprints अलग अलग होगे. चाहे हमारे बाल, नाक, कान सेम रहे लेकिन फिन्गेर्प्रिन्ट्स कभी एक जैसे नहीं होते, और यही बात हमें दूसरो से अलग दर्शात्ती है. वैसे ही इस इन्टरनेट की दुनिया में है, यहाँ हम जब ब्राउज़िंग करते है, यानी इन्टरनेट चलाते है, तभी हमारा एक IP एड्रेस बन जाता है जिससे जो हम सर्च करना चाहते है वो हमें मिल जाता है. यह प[रोसेस ऐसे ही होता है जैसे की हम ऑनलाइन शौपिंग करते है, और हमारा घर का पता देते है, तभी हमारे घर पर हमारा आर्डर आ जाता है. यहाँ पर हमारा घर का एड्रेस IP एड्रेस जैसा काम करता है.
हर वेबसाइट का नाम उसके IP एड्रेस से जुडी हुई रहती है. पहले जब काफी कम संख्या में websites थी, तब उन सबका एक IP एड्रेस होता था. अब उस IP एड्रेस को एक वर्ड में कन्वर्ट कर दिया है, जिसे पढ़ने में और याद करने में आसानी होती है. जैसे की facebook पर जब हम जाते है, तब उसका डोमेन नाम यानी facebook.com, और उसका IP एड्रेस 69.63. 176.13. 69.63.
181.15. है. यदि आप यह IP एड्रेस भी गूगल पर सर्च करते है तब भी आपको facebook के लॉग इन पेज पर चले जाओंगे. आप खुद ही देख सकते हो की IP एड्रेस और डोमेन नेम में सबसे आसान डोमेन नेम होता है जो यादा करने में भी बड़ा आसान होता है. इसीलिए IP एड्रेस को डोमेन नेम से जोडा जाता है जिससे हमें भी website के नाम याद करने में आसानी होती है. बाद में DNS (Domain Name Server) यही डोमेन नेम को IP एड्रेस में बदल देता है.
ये थी जानकारी ICANN और IP एड्रेस के बारे में, पर अगर यह नॉन प्रॉफिट organisation है तो फिर आखिर हम जो इन्टरनेट का पैसा देते है वो किसके पास जाता है, और फिर से वही सवाल की आखिर इन्टरनेट का मालिक कोण है. कोई तो होगा जो हमारे दिए हुए पैसे उसके पास जाते होगे. अगर हम इन्टरनेट का पैसा दे रहे है तो वो पैसा किसीके पास तो जाता होगा. तो ऐसा है, तो आगे पढ़िए.
इंटरनेट का मालिक कोण है, यह जानने के लिए हमें यह जानना बोहोत जरुरी है की इंटरनेट कैसे काम करता है. क्या आप जानते है की आखिर इंटरनेट कैसे काम करता है. जब हम इन्टरनेट की मदत लेते है तब हमें जो Data मिलता है वो कहा से मिलता है. क्या आपको लगता है की हमारे कंप्यूटर या मोबाइल में ही सारा Data पहले से ही फिक्स होता है? जो हमारे खोजने पर हमारे सामने आता है, तो ऐसा बिलकुल भी नहीं है.
तो आखिर कैसे चलता है इन्टरनेट , और कैसे हमें हमारे मन के हिसाब से इन्टरनेट जानकारी देता है. आईये जानते है.
INTERNET कैसे काम करता है?
क्या आप Internet का मतलब जानते है, जब आप इंटरनेट इस शब्द को तोड़ेंगे तब हमें inter और net यह दो शब्द मिलेंगे. इस नेट (net) का मतलब होता है की जाल. और सच में इन्टरनेट बड़े बड़े वायर के जाल से ही बना है. जिन हाँ, हमारे घर तक जो इन्टरनेट आता है वेह इन्टरनेट, समुद्र में बिछी लम्बी लम्बी वायर से हो कर आता है. आज हम तकनीक की दुनिया में इतने आगे होने के बावजूद इस बेसिक्स से वायर से साड़ी दुनिया को इन्टरनेट पहुचाते है. इसका एक कारन भी है.
हम अंतरिक्ष में बड़े बड़े satellite भेज कर भी इन्टरनेट प्रदान कर सकते है, पर इससे इन्टरनेट की स्पीड काफी ज्यादा slow हो जायेगी. इसके भी बोहोटी सारे कारण है जिसकी वजह से हम सॅटॅलाइट से इन्टरनेट को नहीं पहुचाते.
१. Distance - हमारे धरती और अंतरिक्ष की दुरी काफी ज्यादा होने के कारन, इन्टरनेट स्पीड बोहोत कम मिलाती. इसकी वजह से हम अंतरिक्ष में सॅटॅलाइट नहीं भेज सकते, ऐसा करना संभव है लेकिन इससे हमारा इन्टरनेट स्पीड काफी कम हो सकता है.
२. Money - दूसरा कारन है पैसो का, सॅटॅलाइट लगाने से हमें कुछ ज्यादा फायदा तो नहीं मिलेगा लेकिन इससे जो सॅटॅलाइट लगाएगा उसे काफी ज्यादा खर्चा लगेगा, इससे हमें भी नेट बैलेंस डलवाने के लिए ज्यादा पैसा भरना होगा.
३. प्रदुषण - आज भी स्पेस में काफी सारे सॅटॅलाइट है जो काफी ज्यादा संख्या में है, वैसे ही अगर हम इन्टरनेट के लिए सॅटॅलाइट भेजेंगे तब काफी ज्यादा स्पेस में पोल्लुतिओं हो सकता है, जो हमारे एनवायरनमेंट को काफी ज्यादा इफ़ेक्ट करेगा.
इसके आलावा भी बहुत सारे reason है जिसकी वजह से हम इन्टरनेट के लिए सॅटॅलाइट की मदत नहीं ले सकते. ऐसे काफी ख़ुफ़िया communities है जो इन्टरनेट के लिए सॅटॅलाइट की मदत लेते है, पर यह बस उनके private काम के लिए होता है. क्योंकि सॅटॅलाइट का connection प्राइवेट होने के कारन उन्हें स्पीड भी काफी अच्छा मिलता है.
तो आखिर हम जो इन्टरनेट इस्तेमाल करते है वो इन्टरनेट कैसे चलता होगा?, तो आईये जानते है असली सवाल का जवाब की आखिर इन्टरनेट काम कैसे करता है?
हमारे घर तक इन्टरनेट कैसे आता है?
तो सवाल है की आखिर हमारे घर तक इन्टरनेट आता कहा से है? तो हमारे घर तक इन्टरनेट आना यह एक पूरी systematic प्रक्रिया है जिससे हमारे घर इन्टरनेट आता है. इसके लिए कुछ steps है जिससे इन्टरनेट हमारे घर आता है. सिंपल शब्दों में कहे तो इन्टरनेट यानी A पॉइंट से B पॉइंट तक डेटा पहुचना.
1. समुद्र में बिछे है वायर (Optical Fibre Wire)
इन्टरनेट इस बड़े से जाल को चलाने के लिये समुद्र में वायर (WIRE) बिछे हुए है, जिससे ही सारी दुनिया इन्टरनेट चला पा रही है. यह वायर कोई साधारण वायर नहीं रहती, बल्कि इस वायर से ही हमें लाइट की स्पीड से डेटा मिल जाता है. इन वायर से इतनी ज्यादा स्पीड मिलाती है की हमारे एक क्लिक करते ही सर्वर से साड़ी जानकारी हमारे सामने आ जाती है.
इन वायर में होते है काफी सारे लेयर जो इन्हें पानी में भी काफी ज्यादा safe रखती है. पर काफी बार ऐसा भी होता है की इन्हें धार दांत वाले मछलिया कभी कभी ख़राब कर देती है, पर इसे भी इन वायर की कंपनिया झटके में ठीक कर देती है. फिर भी अगर कभी इन वायर को कुछ हो जाता है तो काफी देशो का इन्टरनेट कुछ समय के लिए बंद हो जाता है.
2. जमीन के अन्दर के वायर (Ethernet)
समुद्र के वायर के बाद यह कनेक्शन जुड़ जाता है उन वायर से जो जमीं पर बिछाई जाती है, यही ही सिम कार्ड कम्पनीस कनेक्शन लेती है जो उनके मोबाइल टावर से connect होती है. और ऐसे ही इन्टरनेट हमारे घर पर पहुचता है.
इन सारी वायर्स का स्पीड काफी ज्यादा होता है, ऐसे ही समुद्र के रास्ते हर देश में इन्टरनेट वायर पहुचाई जाती है जिससे इन्टरनेट की फैसिलिटी मिल सके. इन वायर के भी प्रकार होते है, जैसे इन वायर में twisted wire, optical fibre
wire, coaxial cable, HDMI cable, और सबसे महत्वपूर्ण Ethernet cables, यह वायर होते है.
हमारे India में भी ऐसी जगह है जहा से इन समुद्री वायर से कनेक्शन लिया जाता है, और फिर बाद में यही कनेक्शन दूसरी वायर के साथ जोड़कर टावर तक कनेक्शन पहुचता है. और इसी तरह हमें इन्टरनेट की फैसिलिटी मिलती है और ऐसे ही इन्टरनेट काम करता है.
तो ऐसे चलता है इन्टरनेट, पर अब भी अगर आपके मन में सवाल है की आखिर इन्टरनेट से पैसा कोण कमाता है? कोण है इन्टरनेट का मालिक? तो आसान भाषा में कहे तो इसमे एक बड़ी सी चैन है जो एक दुसरे को पैसा देकर हम अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे है.
१.
जैसे हम इन्टरनेट के लिए पैसे देते है वे हम सिम कार्ड कंपनी को देते है. इससे हम अपनी इन्टरनेट की जरुरत पूरी कर लेते है.
२. आगे यह सिम कार्ड कंपनिया (JIO, Airtel, Vi, BSNL) यह कंपनिया आगे जा कर उन कंपनियों को पैसा देती है जो उन्हें उनके टावर के लिए केबल (Internet Cable) देते है. इन्ही कंपनियों को ये पैसे देकर अपने कस्टमर बनाते है.
३. फिर यही कंपनिया आगे उन्हें पैसे देती है , जिनसे वे कनेक्शन लेते है. ये उन्ही को पैसे देते है जो समुद्र में वायर बिछाते है. यह कंपनिया बहुत ज्यादा चार्ज लेती है. पर इनका काम भी काफी फ़ास्ट होता है. जैसे अगर कोई वायर डैमेज होती है, तो वे काफी जल्दी उसे सुधार देते है.
तो इतनी सारी जानकारी से हमने जाना की हम इन्टरनेट का मालिक किसी एक इंसान को नहीं घोषित कर सकते. हम सभी इन्टरनेट के इस्तेमाल के लिए पैसे देते रहते है, आगे वे जाकर वही पैसे इन्टरनेट कनेक्शन के लिए देते है. मतलब internet का असली मालिक कोई भी नहीं है. हम सभी इन्टरनेट उसे करते है, और हम सभी इन्टरनेट के मालिक है, ऐसा अगर हम कहे तो गलत नहीं होगा.
इन्टरनेट पर ना किसी सरकार का हाथ होता है, ना किसी बड़े कंपनी का, ना ही किसी संस्था का हाथ होता है, इन्टरनेट सभी के लिए Open है और कोई भी इसे इस्तेमाल कर सकता है.
तो यह था इन्टरनेट जो हमारे डेली रूटीन में शामिल है, शायद ही हम Internet के बिना रह सकते है. आशा करता हूँ की मैंने इन्टरनेट के बारे में लगभग साड़ी जानकारी आपको दे दी है. अगर कोई जानकारी आपको कम लगी हो तो comment में जरुर बताये.
Short Notes : -
आपने इन्टरनेट कैसे काम करता है? Internet इन्टरनेट का मालिक कोण है? इस पोस्ट में क्या सिखा ?
जो भी इन्टरनेट इस्तेमाल करता होगा , उसके मन में यह सवाल जरुर आता होगा की आखिर INTERNET कैसे काम करता है? और सबसे बड़ा सवाल है की आखिर इन्टरनेट का मालिक कोण है?
- Internet का मालिक कोण है?
- इन्टरनेट पर किसका हाथ है ?
- क्या इन्टरनेट पर Government का हाथ है?
- क्या Internet पर बड़े companies (Google ,
Youtube, फेसबुक) का हाथ है?
- क्या इन्टरनेट पर सिम कार्ड कम्पनीज का हाथ होता है?
- Internet का हिस्सा कैसे बने?
- वेबसाइट कैसे बनाये?
- डोमेन क्या है?
- वेब होस्टिंग क्या होती है?
- ICANN क्या है?
- IP एड्रेस क्या होता है?
- Internet कैसे काम करता है?
- हमारे घर Internet कैसे आता है?
धन्यवाद!
जय हिन्द!